आजमगढ़ की पावन धरती ऋषियों-मुनियों एवं साहित्यकारों की साधनास्थली के रूप में विश्वविख्यात है। जहाँ एक और तापः पूत देवल दुर्वासा, दत्तात्रेय एवं चन्द्रमा ऋषि ने अपनी तपस्या से इस धरती को पवित्र किया वहीं दूसरी ओर अयोध्या सिंह उपाध्याय, हरिऔष, अल्लामा शिब्ली नोमानी, राहुल सांकृत्यायन, श्यामनारायण पाण्डेय ने अपने साहित्यलोक से समग्र विश्व में रस धरती को आलोकित किया। महाविद्यालय विश्व विख्यात साहित्यकार दार्शनिक राहुल सांकृत्यायन की पितृभूमि कलैला, चक्रपाणिपुर में ही स्थित है। ऐसे लोकपूर्णत क्षेत्र में उच्च शिक्षण संस्थान का अभाव हम शिक्षा सेवियों को सदैव ही सालता रहता था। अति विशाल इस ग्राम्यांचल में शैक्षणिक विषमताओं को ध्यान में रखते हुए मैंने अपने पूज्य पिता श्री स्व० भगवान सिंह (प्रवक्ता) अर्थशास्त्र, श्री शंकर इण्टर कालेज डीहा, आजमगढ़ की पुण्यस्मृति में एक उच्च शिक्षा केन्द्र की स्थापना का संकल्प लिया। इसी संकल्प की फलाश्रुति यह भगवान आदर्श महाविद्यालय चक्रपाणिपुर, कनैला, आजमगढ़ है। मैंने जिस विशाल लक्ष्य को लेकर इस महाविद्यालय की स्थापना का संकल्प लिया था, पूज्य पिता श्री के आशीर्वाद